पत्थलगाव नगर पंचायत अंतर्गत उचित मूल्य की दुकान के लगातार बंद होने से राशन कार्ड उपभोक्ता दर बदर भटकते रहते हैं। जिसके कारण कई गरीबों का चूल्हा जलना भी नसीब नहीं हो पा रहा है। शासन गरीबों के उत्थान के लिए नई-नई योजना बनाती है। उन्हें योजनाओं को उनके मताहतो द्वारा धूमिल किया जा रहा है। चुनाव नजदीक है आचार संहिता लग चुकी है ।परंतु गरीबों को राशन न मिलाना चुनाव पर भारी असर दिखने को मिल सकता है । इस संबंध में जब हमने जनता से बात किया तो उन्होंने बताया कि आए दिन राशन दुकान बंद रहते हैं और आने पर हमारे द्वारा मशीनों में फिंगर लगा लिया जाता है ।और कहा जाता है कि राशन आएगा तो देंगे ,इस प्रकार दो तिन् महिनो में राशन नहीं मिलने से राशन कार्ड धारी भूखे मरने की नौबत आ गई है ।जब दोबारा राशन गिरने पर राशन कार्ड धारी जब राशन दुकान में राशन लेने जाते हैं तो उन्हें विक्रेताओं द्वारा कहा जाता है कि पिछले माह जो आप लोगों ने फिंगर लगाया था। उसका राशन लेफ्ट हो गया है ।और इस महीने का राशन आया है दो माह में फिंगर लगाकर एक माह का राशन देना गरीबों के साथ उनके मुंह से निवाला छीलने के बराबर हो रहा है। पत्थलगांव नगर पंचायत क्षेत्र में बहुत सी ऐसी दुकान है । जो कई महीने तक राशन दुखने नहीं खोली जाती और अंत में 27, 28 तारीख को खोला जाता है तब 2 दिन वितरण कर बोला जाता है कि राशन समाप्त हो गया। इस प्रकार की तानाशाही राशन विक्रेताओं द्वारा किया जा रहा है । बहुत जल्द इसकी शिकायत जिला कलेक्टर एवं खाद्य जिला अधिकारी को भी किया जाएगा उन्होंने कहा कि कई बार फोन द्वारा भी पत्थलगाव खाद्य अधिकारी एस,डी,एम ,मैडम को भी किया गया परंतु आज तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होने से राशन दुकान के संचालक मनमानी तौर पर अपना राज्य चलाया जा रहा है ।वहीं शासन द्वारा वन नेशन वन कार्ड दुकान के तहत बनाया गया है । परंतु यहां कार्ड धारी को तुम्हारा राशन दूसरे दुकान में मिलेगा इस दुकान में मिलेगा कहा जाता है ।और राशन कार्ड धारी अंत में थक हार कर चुप हो जाता है ।
बताया जाता है की माह मार्च का चावल संचालकों द्वारा पूरा गमन कर दिया गया है ।और अप्रैल माह का चावल को मार्च में बाट कर इतिश्री
पूरा माह का चावल गायब कर दिया गया है ।अगर दुकान क्रमांक शहरी 2001,2005,2006,2007,2008 दुकानों की जांच किया जाए तो सारा गबन समाने आ जायेगा