संपादक श्याम नारायण गुप्ता उदयपुर एक्सप्रेस
पत्थलगांव। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बड़े धूमधाम से दशहरा पर्व मनाया गया ।पत्थलगांव के ह्रदय स्थल मंडी मैदान में रायगढ़ सांसद भाजपा विधानसभा प्रत्याशी गोमती साय के मुख्य अतिथि में रावण की विशाल पुतले को जलाया गया ।कार्यक्रम में पत्थलगांव नगर में आतिशबाजी के बीच दशहरे के अवसर पर रावण के पुतले का दहन हुआ। रावण दहन से पूर्व करीब आधा घंटे आतिशबाजी का दौर चला। बड़ी संख्या में पहुंचे शहर एवम आसपास के लोगों ने रावण दहन कार्यक्रम में भागीदारी निभाई। इस दौरान लोगों ने भगवान राम के बताए रास्तों पर चल कर बुराई के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया। आतिश बाजी के देखने के लिए भारी भीड़ रही। इससे पूर्व राम सीता एवम हनुमान भगवान के रूप में विराजमान बच्चों की शोभायात्रा कर्मा के साथ निकाली
गई। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान राम इस दिन रावण को मारकर अयोध्या लौटे थे। लोग रावण के पुतले जलाकर त्योहार मनाते हैं।
पत्थलगांव : असत्य पर सत्य की , अंधकार पर प्रकाश की अथवा तो अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व ही विजया दशमी है। नौ दिन माँ शक्ति की आराधना एवं पश्चात विजया दशमी का पावन पर्व मानव जीवन को यह सीख प्रदान करता है कि किसी भी कठिन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए धैर्य पूर्वक शक्ति का संचय एवं दृढ़ संकल्प शक्ति के अस्त्रों से ही असत्य रुपी दशानन का प्राणांत करके अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
दशानन हमारे जीवन की अनेकानेक दुष्वृत्तियों एवं दुर्गुणों का ही प्रतीक है। हमारे दुर्गुणों ने ही हमें भक्ति रुपी माँ जानकी से वंचित किया हुआ है। जीवन में भक्ति रुपी माँ जानकी की प्राप्ति के लिए हमें अपने भीतर के काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, असत्य, अनाचार रूपी दशानन पर विजय प्राप्त करनी होगी।
विजय बल की एवं छल की नहीं अपितु विजय सदैव सत्य की ही होती है। असत्य कितना ही बलशाली क्यों ना हो पर सत्य को परास्त करना उसके बस की बात नहीं। शक्ति संचय, सत्य-निष्ठा एवं दृढ़ संकल्प ही जीवन उत्थान एवं लक्ष्य प्राप्ति का मूल है, यही सीख हमें विजया दशमी के पावन पर्व से प्राप्त होती है।