जिला पंचायत सदस्य विष्णु कुलदीप के जनहित याचिका में हुई सुनवाई हाई कोर्ट ने सभी स्वास्थ्य केंद्रो के व्यवस्था दुरुस्त करने का दिया आदेश साथ ही पत्थलगांव में डायलिसिस के दौरान हुई मृत्यु पर भी……… लिया संज्ञान :-

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संपादक श्याम नारायण गुप्ता उदयपुर एक्सप्रेस

कुनकुरी :—- स्वास्थ्य व अन्य सुविधाओं को लेकर जिला पंचायत सदस्य विष्णु कुलदीप ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता मनोज चौहान व रवि भगत के माध्यम से जनहित याचिका लगाई है जिसमें पिछली सुनवाई के दौरान शासन को शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया था, शासन ने जवाब पेश किया है जिसमें माना है कि हमारे पास डॉक्टरो की कमी है, सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा “मेडिकल सुविधा कहीं है ही नहीं”
इसी दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने पत्थलगांव में डायलिसिस के दौरान बिजली गुल होने से हुई मृत्यु की खबर का अखबार पेश किया जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने अखबार को रिकॉर्ड में लेते हुए उस पर भी संज्ञान लिया है, साथ ही आदेश दिया है और कहा है कि राज्य शासन का कर्तव्य है कि वे सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य सुविधाओं से लोग वंचित न रहे। और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि डॉक्टरों की कमी को लेकर उचित कदम उठाते हुए पूर्ति करें साथ ही जिले के सभी चिकित्सा केंद्र, जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो में निरंतर बिजली सप्लाई की व्यवस्था की जावे ताकि भविष्य में पत्थलगांव जैसी घटना दोबारा ना हो, साथ ही सभी स्वास्थ्य केन्द्रो में मेडिकल संबंधित सामग्री की उचित व्यवस्था करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव को शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। व्यवस्था दुरुस्त करने का शपथ पत्र के साथ अगली सुनवाई 08/07/2024 को नियत की गई है।
इस संबंध में विष्णु कुलदीप जी ने कहा मेरी याचिका में फरसाबहार के स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लगाया गया था, परंतु न्यायालय ने सभी स्वास्थ्य केंद्रो की सुविधा दुरुस्त करने का आदेश दिया है, इसके लिए मैं न्यायालय को धन्यवाद देता हूं मेरी याचिका में शासन ने मान लिया है कि स्वास्थ्य सुविधा सही नहीं है यह गंभीर बात है । मेरी याचिका में शासन की ओर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी जशपुर ने शपथ पत्र दिया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि फरसाबहार से जशपुर की दूरी 50 किलोमीटर है जबकि लगभग 77 किलोमीटर है, जनहित के याचिका में झूठा शपथ पत्र देना बहुत गंभीर मामला है।

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