



जशपुर/ नगर पालिका जशपुर परिषद् की 4 अक्टूबर को एक बार फिर से सामान्य सभा की बैठक होनी है। 22 सितंबर को हुई बैठक में जिन मुद्दों को लेकर बात नहीं बन सकी थी उसपर मंथन करने और उसपर सहमति बनाकर पास करते हुए प्रशासनिक कार्यवाई कराने का हल निकाला जाएगा। इस मामले को लेकर एक बार फिर से खींचतान शुरू हो गई है। दरअसल नगर पालिका दो गुटों में बंट चुका है, जिससे विकास के कार्य लगातार प्रभावित हो रहे हैं। यहां शुरूआत से ही बहुमत बीजेपी के पार्षदों की रही है। इस बार भी समीकरण कुछ ऐसा ही है लेकिन शहर के विकास के लिए बना जा रहे प्रस्तावों पर मुहर लगाने के लिए एक ही
विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। 6 वार्डों की गंभीर समस्या जल निकासी नगर पालिका जशपुर के वार्ड क्रमांक 15, 16, 17, 18, 19 और 20 से होकर बहने वाला बरसाती नाला की वजह से जल भराव की विकराल समस्या उत्पन्न होती है, जिससे कई घरों में बारिश का पानी घुस जाने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके उचित और स्थाई समाधान के लिए नगर पालिका से प्रस्ताव शासन को भेजकर इसकी स्वीकृति ले गई है। कार्य के लिए टेंडर जारी किया गया जिसे 26 प्रतिशत बिलो दर पर एक ठेकेदार के द्वारा लिया गया है। लेकिन इसे सामान्य सभा में पार्टी के पार्षद दो गुटों में बंटे हुए नजर आ रहे हैं। मामला इसलिए भी पेचिदा होता जा रहा है क्योंकि नगर पालिका जशपुर के पास करने के बजाए रोक दिया जा रहा है। वजह से कार्यालय नहीं पहुंच पाते हैं।अध्यक्ष नरेश साथ लगातार अपने कार्यालय उक्त नाला के प्रभाव में भागलपुर, बरटोली, से दूरी बनाए हुए हैं। इस वजह से भी ज्योति निवासी, बसंत बिहार कॉलोनी, परिषद की बैठक प्रभावित हो रही है और बांकी टोली और हाईस्कूल क्षेत्र का बरसाती पानी एक नाले से होकर निकलता है। उक्त नाले का पक्का निर्माण आवश्यक है।अध्यक्ष की अनुपस्थिति से नाराजगी- नगर पालिका अध्यक्ष नरेश साय का कार्यालय नहीं आना यह भी एक बड़ा सवाल बनकर खड़ा है। इसे लेकर पार्षदों में भारी नाराजगी है। पार्षदों में बीते सामान्य सभा की बैठक में कहा, कि अध्यक्ष का चेहरा साल में सिर्फ दो बार 15 अगस्त और 26 जनवरी के अवसर पर झंडारोहण के लिए आने पर दिखाई देता है। इसके बाद वे कभी भी कार्यालय नहीं आते और न ही सामान्य सभा की बैठक में उपस्थित होते हैं। जबकि नरेश साथ स्वास्थ्य कारणों की