25 साल पहले छोड़ा घर और बने कृष्ण भक्त, अब कर रहे 108 पत्थरों से वृंदावन की दंडवत परिक्रमा 

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सौरव पाल/मथुरा: धर्मनगरी वृंदावन में लाखों लोग कृष्ण की भक्ति के कारण खिंचे चले आते हैं. जो भी एक बार वृंदावन आता है वृंदावन का ही हो के रह जाता है. यहां कई ऐसे भक्त है जो आज भी कई अलग-अलग तरीकों से भगवान को अपनी भक्ति अर्पण करने में लगे हुए है. ऐसे ही भगवान कृष्ण और राधा के भक्त है केशव दास. जो वृंदावन की 108 पत्थरों की दंडवत परिक्रमा लगा रहे हैं.वैसे तो वृंदावन की परिक्रमा 5 कोस यानी करीब 15 किलोमीटर की है जिसको पैदल पूरा करने में करीब 3 घंटे का समय लगता है लेकिन केशव दास ने इस परिक्रमा को 108 पत्थरों के साथ पूरा कर लिया.

दंडवत का अर्थ होता है लेट कर प्रणाम करना और केशव दास 108 पत्थरों के साथ यह दंडवत परिक्रमा लगा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वृंदावन की संवत परिक्रमा होली से पहले केशीघाट से शुरू की थी और अब तक 6 महीनों में उन्होंने आधे रास्ते को पूरा कर लिया है और अभी 6 महीने और इस दंडवत परिक्रमा को पूरा करने में लगेंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि जब वह 108 पत्थरों को अपने जगह से आगे रखते है तब जाकर वह आगे बढ़ते है जिसे एक आसान कहा जाता है और एक दिन में वह करीब 15 से 20 आसान कर लेते है.

ऐसे मिली दंडवत परिक्रमा करने की प्रेरणा
केशव दास करीब 25 साल पहले पश्चिम बंगाल से अपना परिवार छोड़ वृंदावन में आए थे और यहां पर एक आश्रम में रहने लगे और भगवान की भक्ति करने लगे. अपने गुरु के आशीर्वाद से और राधा रानी की कृपा से उन्हें दंडवत परिक्रमा करने की प्रेरणा मिली और पिछले 6 महीने से वह 108 पत्थरों की दंडवत परिक्रमा कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि वह को भी कर रहे है वह राधारानी के आशीर्वाद और उन्हीं की शक्ति से कर रहे है और इस दंडवत परिक्रमा से भागवत मार्ग की प्राप्ति करना चाहते है.

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