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सर्वेश श्रीवास्तव/ अयोध्या. मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम की नगरी अयोध्या भगवान राम की जन्म स्थली के तौर पर पूरी दुनिया में जानी जाती है. लेकिन इसी अयोध्या में कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिसके दीवाने लाखों लोग हैं. अयोध्या में कुछ ऐसे भी चीज है जो लाखों लोगों पर अपनी छाप छोड़ती है. अगर आप अयोध्या घूमने आ रहे हैं, मठ मंदिरों का दर्शन करने आ रहे हैं और आप मिठाई खाने के शौकीन हैं तो अयोध्या के खुरचन पेड़े का स्वाद चखना मत भूलिएगा.

राम नगरी में खुरचन पेड़े का स्वाद ऐसा है कि जो एक बार चख लेता है वह इस पेड़े का दीवाना बन जाता है. इतना ही नहीं इस खुरचन पेड़े की मांग अयोध्या के मठ मंदिरों में भी है जहां भगवान को खुरचन का पेड़ा भोग लगाया जाता है. तो दूसरी तरफ करोड़ो राम भक्तों केआराध्य इसी खुरचन के पेड़े का स्वाद लेते हैं यानी कि भगवान रामलला को प्रतिदिन 2 किलोग्राम खुरचन का पेड़ा भोग लगाया जाता है.

राम नगरी में मशहूर है खुरचन पेड़ा

हालांकि आपको बताते चलें भगवान राम की नगरी की पहचान केवल मठ मंदिरों से ही नहीं बल्कि यहां के जायको से भी है. राम नगरी में सबसे प्रसिद्ध मिठाई खुरचन के पड़े का स्वाद देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक के श्रद्धालु लेते हैं. राम नगरी के मठ मंदिर में विराजमान विग्रह को भी अति प्रिय है शायद यही वजह है कि अयोध्या के दर्जनों मंदिर के साथ भगवान रामलला को खुरचन का पेड़ा भोग लगाया जाता है. जिसके बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित किया जाता है. अयोध्या में 80 वर्ष पहले से चंद्रा स्वीट्स खुरचन के पेड़े का निर्माण कर रहा है. चंद्रा परिवार की मानें तो पिछले 4 दशकों से खुरचन के पेड़े का निर्माण यहां पर हो रहा है जो भी श्रद्धालु धर्म नगरी अयोध्या आते हैं वह इस खुरचन के पेड़े को अपने साथ जरूर लेकर जाते हैं.

जानिए पेड़े की खासियत

खुरचन के पेड़े का निर्माण करने वाले चंद्र परिवार के रंजीत गुप्ता बताते हैं कि सबसे पहले दूध को गर्म किया जाता है. उसके बाद मावा बनाया जाता है, मावा को भून कर के ब्राउन कलर किया जाता है, उसके बाद इसको तैयार किया जाता है, इसमें ऐसी खासियत होती है कि यह 15 से 20 दिनों तक वैसे का वैसा बना रहता है. तो वहीं दूसरीतरफ सुमित चंद्रा बताते हैं कि अयोध्या में खुरचन का पेड़ा हमारे दादा जी ने लगभग 80 वर्ष पहले से बनाना शुरू किया. आज हम लोगों की चौथी पीढ़ी है जो खुदचन के पेड़े को बना रही है इस पेड़ को बहुत शुद्धता के साथ तैयार किया जाता है क्योंकि अयोध्या के लगभग सभी मठ मंदिरों में खुरचन के पेड़े का भोग लगाया जाता है. इसके अलावा राम मंदिर में प्रतिदिन खुरचन के पेड़े का भोग लगता है.

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि खुरचन का पेड़ा बहुत अच्छा बनता है प्रतिदिन 2 किलो खुरचन का पेड़ा रामलला को भोग लगाया जाता है और यह पीड़ा भी चंद्रा होटल से लिया जाता है. यह सिलसिला कई वर्षों से चला आ रहा है. खुरचन का पेड़ा पहलेभगवान राम लला के पास भोग लगाया जाता है. उसके बाद भक्तों में वितरित किया जाता है.

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