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जशपुर/ वनमंडलाधिकारी वनमण्डल कार्यालय जशपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में 18 हाथियों का दल विचरण है। हाथी विचरण क्षेत्र में वन अमला, हाथी मित्र दल 02 पाली में गश्ती कर रहें हैं तथा सक्रिय है। साथ ही हाथी विचरण क्षेत्र में लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं। साथ ही सभी रेंज में 2-2 गस्ती दल काम कर रहा है और लोगों को जागरूक कर हाथी व्यवहार के संबंध में जानकारी दे रहे हैं।डीएफओ श्री जितेन्द्र उपाध्याय ने आम जनता से अपील की गई है कि हाथी गश्ती दल द्वारा दिये गये समझाइश व सूचना को माने। जिस स्थान पर हाथी विचरणरत है उस वन क्षेत्र मछली मारने, पुटू-खुखड़ी उठाने, रात को खुले में शौच एवं अनावश्यक रात्रि में आवागमन न करें। जिस स्थान या घर में पक्के कटहल हो उन्हें तोड़कर तत्काल सुरक्षित स्थान पर रखें या गडढ़े में डालकर ढक देवें या वन विभाग को तत्काल सूचित करें। श्री उपाध्याय ने बताया कि हाथियों की गतिविधि एवं संभावित विचरण क्षेत्र में मुख्य रूप से कुनकुरी विकासखण्ड के लोटापानी, गड़ाकटा, उपकापानी, टुकूपानी, कुडुकेला, जामचुआ, बनकोम्बो, गिधाबहार, बिलासपुर, मुसकुनी, खारीझरिया, कुंजारा, श्रीटोली, ढ़ोंगाअम्बा, पाकरटोली, बंदरचुआ, तामासिंघा, लोढ़ाअम्बा फरसाबहार विकाखण्ड के तूबा, बेलबांधा, छिरोटोली, दाईजबहार, बाम्हनमारा, जमुना, साजबहार, बंधाटोली, जबला, सेमरताल, कंदईबहार, छीरोटोली, मंडाडीह, पगुराबहार, कांसाबेल विकाखण्ड के देवरी, दोकड़ा, खूंटगांव, मनोरा विकासखण्ड के खुटापानी, केराकोना, पोड़ीपटकोना, खरवाटोली, सोगड़ा, टेम्पू, सरूवा, डूमरटोली, दुलदुला विकासखण्ड के सपघरा, नोनपानी, सिमड़ा, बरपानी, देवबहार, धांधअम्बा, बकुना, करडेगा और बगीचा विकासखण्ड के झिक्की, फुलडिह, ततकेला, पेटा, तटकेला पसिया, कुरडेग, जुरगुम, सोनपुर, परसाडांड शामिल हैं।डीएफओ ने बताया कि प्रतिदिन हाथी विचरण ग्रामों में वन अमला, हाथी मित्र दल के साथ साथ महिला वन रक्षक भी अब लोगो को हाथी व्यवहार, सुरक्षा उपाय से अवगत करा रहें है। उन्होंने बताया कि महिलाएं लकड़ी बीनने एवं पुटू-खुखड़ी उठाने सामान्यता जंगल जाते हैं जिसके कारण अमला के महिला वन रक्षकों के द्वारा समझाइश दी जा रही हैं।