*संपादक श्याम नारायण गुप्ता उदयपुर एक्सप्रेस*
पत्थलगांव । विगत कई दशकों से पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग को लेकर हर वर्ग के लोगों द्वारा समय-समय पर अपनी आवाज बुलंद की जाती रही है। दरअसल अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही नागरिकों द्वारा अभियान,धरना,आंदोलन का रास्ता अपनाया जा चुका है। मगर आज भी पत्थलगांव को जिला बनाने की बहुप्रतीक्षित मांग पूर्ण नहीं होना या यूं कहें कि पत्थलगांव को जिला बनाया जाना लोगों को स्वप्न के समान लगने लगा है। पूर्व में भी कई मर्तबा सोशल मीडिया में #पत्थलगांव को जिला बनाओ का टेंड बड़ी तेजी से वायरल हो रहा था। वही अब इस वाक्य ने दोबारा तुल पकड़ लिया है विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही लोग अब पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग को लेकर मुखर होने लगे हैं। जिसे लेकर पत्थलगांव,कांसाबेल,बागबाहर,लैलूंगा, कापू ,धर्मजयगढ़ समेत कई गांव के सर्व समाज के लोगों द्वारा आज रविवार को पत्थलगांव शहर के तीनों मुख्य मार्ग में विशाल जनसमूह के साथ रैली निकाली गई है। इस दौरान रैली में लोगों के हाथों में तख्तियों के माध्यम से “पत्थलगांव को जिला बनाओ” “हमसे जो टकराएगा चूर चूर हो जाएगा” “लड़ेंगे जीतेंगे” “सर्व समाज जिंदाबाद” “हर जोर जुल्म के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है” “हमारी मांगे पूरी करो” के नारे गूंज रहे है। उक्त रैली ग्राम पालीडीह चौंक से शुरू हुई है।वहीं रैली को लेकर पत्थलगांव पुलिस प्रशासन समेत जिले के अन्य क्षेत्रों से पहुंची पुलिस यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जगह-जगह पर मुस्तैद है।
विदित हो कि राजनीतिक दलों की ओर से पत्थलगांव जिला बनाने को लेकर अब तक कोई विशेष पहल नहीं हो पाई है। बीते कई दशकों से प्रत्येक चुनावी माहौल के वक्त जिला बनाने की लोग बाट जोहते रहे हैं जिससे क्षेत्रवासी अब अपनी मांग पूर्ण नहीं होने पर स्वयं को छला हुआ महसूस कर रहे हैं। जशपुर जिला सहित पत्थलगांव आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है ऐसे में जिला मुख्यालय जशपुर करीब 100 किलोमीटर की अधिक दूरी पर होने के कारण लोग सरकारी कार्यों व दस्तावेज संबंधित अन्य कार्यों के लिए लंबी दूरी तय करने से उन्हें आर्थिक और शारीरिक रूप से परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। साथ ही समय का दुरुपयोग भी हो रहा है। ऐसे में यदि पत्थलगांव को जिला बनाए जाने पर व्यावसायिक व आर्थिक दृष्टि से विकसित जिला बन सकता है लोगों का कहना है कि पूर्व में भी सरकार ने इन बातों पर अमल नहीं किया वहीं अब 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से वर्तमान सरकार से उम्मीद रही जो कि अब चुनाव नजदीक आने को है मगर पत्थलगांव जिला नहीं बन पाना क्षेत्रवासियों के लिए एक बड़ी विडंबना है। दरअसल सत्ता संभालने के बाद से ही सरकारी माध्यम से कई बार पत्थलगांव को जिला बनाए जाने के संकेत दिए जाते रहे हैं। वहीं अब कई वर्षों के बाद भी जिला ना बन पाने से लोग स्वयं को अब छला हुआ महसूस कर रहे है।
वहीं सर्व आदिवासी समाज के जिला संरक्षक नेहरू लकड़ा ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार और केंद्र में भाजपा के सरकार होने के बाद भी अब तक पत्थलगांव को जिला नहीं बनाए जाने से उपेक्षित महसूस कर रहा है। नगरवासियों द्वारा पूर्व में भी पत्थलगांव को जिला बनाने को लेकर धरना आंदोलन और अभियान चलाए जाते रहे है। क्युकी लोगों को जिला मुख्यालय 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर अपने कार्यों को लेकर जाना पड़ता है जिससे उन्हें आर्थिक परेशानी के साथ साथ समय का दुरुपयोग झेलना पड़ता है। जिसे लेकर आज पत्थलगांव के सर्व समाज द्वारा रैली के माध्यम से पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग की जा रही है।